CIBIL Score Update (सिबिल स्कोर अपडेट) : आजकल जब भी किसी को लोन लेना होता है – चाहे वो होम लोन हो, कार लोन या पर्सनल लोन – सबसे पहले बैंक आपका CIBIL स्कोर चेक करता है। लेकिन कई बार छोटी-छोटी गलतियों या बैंक की गलती की वजह से भी लोगों का स्कोर गिर जाता है। अब रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आम जनता को राहत देते हुए CIBIL स्कोर से जुड़े 6 नए नियम लागू किए हैं, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को बेहतर बनाए रखने में मदद करेंगे।
CIBIL Score Update क्या होता है और क्यों जरूरी है?
CIBIL स्कोर एक 3 अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी आपने कितनी बार लोन लिया, कितनी बार समय पर EMI चुकाई, ये सब देखकर तय किया जाता है।
- 750 से ऊपर का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है।
- 650 से 749 के बीच ठीक-ठाक होता है।
650 से नीचे का स्कोर जोखिम भरा माना जाता है।
CIBIL स्कोर का असर:
- बैंक लोन देंगे या नहीं, यह आपके स्कोर पर निर्भर करता है।
- ब्याज दर भी स्कोर के अनुसार तय होती है।
- कभी-कभी नौकरी या किराये का मकान लेने में भी CIBIL स्कोर देखा जाता है।
RBI के 6 बड़े नियम जो अब CIBIL स्कोर को करेंगे सुरक्षित
1. बैंकों को देना होगा अपडेटेड डेटा हर महीने
अब RBI ने यह साफ कर दिया है कि सभी बैंक और NBFC कंपनियों को हर महीने सभी उपभोक्ताओं का अपडेटेड क्रेडिट डेटा समय पर CRIF, CIBIL, Equifax जैसी एजेंसियों को देना अनिवार्य है।
2. गलत जानकारी पर 21 दिन में सुधार जरूरी
अगर किसी उपभोक्ता ने शिकायत की कि उसकी रिपोर्ट में गलती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था को 21 दिनों के भीतर उस गलती को सुधारना होगा।
उदाहरण:
नोएडा की सीमा देवी ने अपने क्रेडिट कार्ड की सारी बकाया राशि चुका दी थी, लेकिन फिर भी उसकी रिपोर्ट में बकाया दिखाया जा रहा था। अब RBI के नए नियम के तहत बैंक को 21 दिन के भीतर सुधार करना पड़ेगा।
3. फ्री क्रेडिट रिपोर्ट साल में एक बार
अब हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार फ्री में अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देखने का हक मिलेगा। पहले यह सुविधा सीमित थी या इसके लिए शुल्क लगता था।
4. सुधार के बाद एजेंसी को देना होगा स्पष्टीकरण
अगर किसी रिपोर्ट में गलती थी और उसे सुधार दिया गया है, तो क्रेडिट ब्यूरो को उपभोक्ता को यह लिखित में बताना होगा कि सुधार किया गया है।
5. हर व्यक्ति को मिलेगा शिकायत नंबर
अब से जब भी कोई व्यक्ति रिपोर्ट में गलती की शिकायत करेगा, तो उसे एक यूनिक कंप्लेंट नंबर दिया जाएगा, ताकि वह ट्रैक कर सके कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई।
6. बिना सहमति के नहीं होगी रिपोर्ट की हार्ड इंक्वायरी
अब कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी आपकी CIBIL रिपोर्ट को बिना आपकी सहमति के हार्ड इंक्वायरी नहीं कर पाएगी। इससे अनचाही जांच से स्कोर पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
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किन लोगों को होगा सबसे ज़्यादा फायदा?
- जो लोग समय पर EMI चुकाते हैं लेकिन बैंकों की गलती से उनका स्कोर गिरता है।
- जिन्हें बार-बार अनजाने में हार्ड इंक्वायरी का सामना करना पड़ता है।
- वे लोग जो पहली बार लोन लेने की योजना बना रहे हैं।
आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को बचाने के आसान टिप्स
- समय पर EMI भरना न भूलें।
- एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई न करें।
- साल में एक बार अपनी रिपोर्ट जरूर चेक करें।
- अगर कोई गलती दिखे तो तुरंत शिकायत करें।
अनुभव से सीख: मेरी कहानी
मैंने खुद 2022 में एक पर्सनल लोन लिया था। सभी किस्तें समय पर चुकाई, फिर भी रिपोर्ट में बकाया दिखा। शिकायत की लेकिन बैंक ने 2 महीने तक कोई जवाब नहीं दिया। स्कोर गिर गया और मुझे अगले लोन में दिक्कत आई। अगर यही नए नियम पहले होते तो मेरी रिपोर्ट तुरंत सुधारी जाती और स्कोर सुरक्षित रहता।
एक नजर में – RBI के नए नियमों का सारांश
नियम क्रमांक | नियम का विवरण | उपभोक्ता को क्या लाभ |
---|---|---|
1 | हर महीने अपडेटेड डेटा देना जरूरी | रिपोर्ट की सटीकता बढ़ेगी |
2 | गलती पर 21 दिन में सुधार | जल्द समाधान मिलेगा |
3 | फ्री क्रेडिट रिपोर्ट | पारदर्शिता बढ़ेगी |
4 | सुधार का स्पष्टीकरण देना | ग्राहक को भरोसा मिलेगा |
5 | यूनिक शिकायत नंबर | शिकायत की ट्रैकिंग आसान |
6 | बिना सहमति हार्ड इंक्वायरी नहीं | स्कोर पर बिना वजह असर नहीं |
RBI के ये नए नियम आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत की तरह हैं। अब आपको बार-बार बैंक के चक्कर नहीं काटने होंगे, और आपकी मेहनत से बनाई गई क्रेडिट हिस्ट्री भी सुरक्षित रहेगी। CIBIL स्कोर जितना मजबूत होगा, आपकी वित्तीय स्थिति उतनी ही बेहतर मानी जाएगी। इसीलिए अब समय है जागरूक बनने का – अपनी रिपोर्ट चेक कीजिए, नियम जानिए और सही कदम उठाइए।
“समय पर सही जानकारी और सतर्कता से आप अपना CIBIL स्कोर हमेशा मजबूत रख सकते हैं।”