FASTag Update: 31st मई से नहीं बंद होगा FASTag, सरकार ने Satellite Toll System लागू करने से किया इनकार

FASTag Update : हाल ही में एक अफवाह ने सोशल मीडिया पर खूब तहलका मचाया कि 31 मई 2025 के बाद FASTag बंद हो जाएगा और उसकी जगह सैटेलाइट आधारित टोल वसूली शुरू होगी। लेकिन अब सरकार ने खुद इस पर सफाई देते हुए कहा है कि फिलहाल ऐसा कोई बदलाव नहीं होने वाला। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि क्या सही है, क्या गलत, और आने वाले समय में टोल टैक्स से जुड़े क्या बदलाव हो सकते हैं।

FASTag क्या है और क्यों ज़रूरी है?

FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जो आपके वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित होता है और जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाज़ा से गुजरती है, टोल शुल्क सीधे आपके बैंक खाते या वॉलेट से कट जाता है।

FASTag के फायदे:

  • लंबी लाइनों से छुटकारा
  • कैश लेनदेन की जरूरत नहीं
  • समय और ईंधन की बचत
  • टोल प्लाज़ा पर कम ट्रैफिक

31 मई को FASTag बंद होने की अफवाह कहां से फैली?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया गया था कि 31 मई के बाद सरकार FASTag सिस्टम बंद कर देगी और इसकी जगह GPS आधारित सैटेलाइट टोल प्रणाली लागू की जाएगी। इससे लोग काफ़ी परेशान हो गए और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

सरकार की सफाई: FASTag रहेगा जारी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने साफ किया है कि:

  • फिलहाल FASTag बंद करने का कोई इरादा नहीं है।
  • GPS आधारित टोल प्रणाली पर विचार जरूर चल रहा है, लेकिन इसे लागू करने में समय लगेगा।
  • आम जनता को कोई चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

सैटेलाइट टोल सिस्टम क्या है?

Satellite Toll System एक नई तकनीक है जिसमें गाड़ियों के मूवमेंट को GPS के ज़रिए ट्रैक किया जाएगा और उसके हिसाब से टोल वसूला जाएगा। इस सिस्टम में टोल प्लाज़ा की ज़रूरत नहीं होगी।

कैसे करेगा काम:

  • वाहन में GPS ट्रैकर फिट किया जाएगा
  • आपकी यात्रा की दूरी के आधार पर शुल्क तय होगा
  • टोल चार्ज अपने आप आपके अकाउंट से कटेगा

GPS Toll vs FASTag: तुलना तालिका

फीचर FASTag System GPS/Satellite Toll System
तकनीक RFID GPS आधारित ट्रैकिंग
टोल वसूली टोल प्लाज़ा पर दूरी के आधार पर
टोल प्लाज़ा की जरूरत हां नहीं
लॉन्च की स्थिति चालू है परीक्षण स्तर पर
आम उपयोगकर्ता के लिए सहज और स्थापित नया और तकनीकी बदलाव वाला
कागजी कार्यवाही सीमित संभवतः ज़्यादा
डेटा ट्रैकिंग सीमित पूर्ण ट्रैकिंग

आम लोगों पर इसका क्या असर है?

बहुत से लोग FASTag का नियमित उपयोग करते हैं – जैसे कि ऑफिस जाने वाले, ट्रक ड्राइवर्स, कैब ऑपरेटर्स आदि। FASTag से उन्हें काफी सहूलियत मिलती है।

रील लाइफ उदाहरण:
गाजियाबाद के एक कैब ड्राइवर सुरेश यादव ने बताया, “मैं रोज़ मेरठ से दिल्ली तक सफर करता हूं। पहले मुझे हर टोल पर 10-15 मिनट लाइन में लगना पड़ता था, लेकिन अब FASTag से 1 मिनट में काम हो जाता है। अगर इसे बंद किया गया तो दिक्कत हो जाएगी।”

भविष्य की दिशा क्या हो सकती है?

सरकार डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रही है और टोल कलेक्शन को भी हाई-टेक बनाने का प्रयास कर रही है। GPS आधारित टोल सिस्टम भविष्य में लागू हो सकता है लेकिन उसमें अभी समय लगेगा।

क्या तैयारी करें:

  • अपना FASTag सक्रिय और रिचार्ज रखें
  • फर्जी खबरों से सावधान रहें
  • केवल सरकारी पोर्टल्स से ही जानकारी लें
  • GPS सिस्टम लागू होने पर जरूरी बदलाव के लिए अपडेटेड रहें

FASTag से जुड़ी सामान्य समस्याएं और समाधान

समस्या समाधान
टोल कट नहीं हुआ लेकिन पैसा कटा हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें
FASTag ब्लैकलिस्ट हो गया बैंक से संपर्क करें और KYC अपडेट करें
टोल प्लाज़ा पर स्कैन नहीं हो रहा FASTag री-प्लेस कराएं
बैलेंस कम है तुरंत रिचार्ज करें

मेरी व्यक्तिगत सलाह

मैं खुद एक निजी गाड़ी का उपयोग करता हूं और पिछले 3 साल से FASTag यूज़र हूं। एक बार मेरा FASTag रीडर से स्कैन नहीं हुआ और मुझे दोगुना टोल देना पड़ा। तब से मैंने यह सीखा कि हमेशा FASTag बैलेंस और उसकी वैधता पर नजर रखनी चाहिए।

31 मई से FASTag बंद नहीं हो रहा है, यह महज एक अफवाह थी। सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल FASTag जारी रहेगा और GPS आधारित टोल प्रणाली अभी लागू नहीं की जाएगी। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, बस अपनी जानकारी को अपडेट रखें और अफवाहों पर भरोसा न करें।

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