Gold Rules (सोने के नियम) : भारत में सोना केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि एक परंपरा, एक निवेश और सुरक्षा का माध्यम भी माना जाता है। हर घर में थोड़ी-बहुत मात्रा में सोना जरूर होता है, खासकर शादी-ब्याह के मौके पर इसे बड़े पैमाने पर खरीदा और गिफ्ट किया जाता है। लेकिन अब सरकार ने सोने को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो आम लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। आइए जानते हैं कि घर में रखा सोना अब कैसे बेचना मुश्किल हो सकता है और आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
Gold Rules : नए नियमों की ज़रूरत क्यों पड़ी?
सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि देश में कालाधन और अवैध लेन-देन पर लगाम लगाई जाए। सोना अक्सर कैश में खरीदा और बेचा जाता है, जिससे इसकी निगरानी मुश्किल हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब ऐसे नियम बनाए हैं जिनसे सोने की बिक्री और खरीद में पारदर्शिता लाई जा सके।
- टैक्स चोरी रोकने के लिए सख्ती
- अवैध तरीके से सोना रखने वालों पर कार्रवाई
- हर लेन-देन को डॉक्यूमेंट करना अनिवार्य
घर में रखा सोना अब ऐसे नहीं बेच पाएंगे
अगर आपके पास घर में पुराना सोना रखा है और आप सोच रहे हैं कि ज़रूरत पड़ने पर ज्वेलर को बेच देंगे, तो रुकिए। नए नियमों के अनुसार अब बिना दस्तावेज़ के सोना बेचना संभव नहीं होगा।
अब जरूरी होंगे ये दस्तावेज़:
- खरीद का बिल या इनवॉयस
- पैन कार्ड अगर बिक्री ₹2 लाख से ज्यादा की है
- आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र
अगर इन दस्तावेज़ों की कमी है, तो ज्वेलर आपके सोने को खरीदने से मना कर सकता है।
कितना सोना रखना कानूनी है?
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक व्यक्ति कितनी मात्रा में सोना अपने पास रख सकता है:
परिवार का सदस्य | अधिकतम कानूनी मात्रा (बिना दस्तावेज़) |
---|---|
विवाहित महिला | 500 ग्राम |
अविवाहित महिला | 250 ग्राम |
पुरुष (कोई भी) | 100 ग्राम |
नोट: अगर आपके पास इससे ज्यादा सोना है, तो उसका उचित दस्तावेज़ होना अनिवार्य है
क्या पुराना सोना अब बेकार हो गया?
ऐसा बिल्कुल नहीं है। लेकिन हां, अगर आपके पास पुराने ज़माने का सोना है और उसके पास कोई बिल या खरीद प्रमाण नहीं है, तो आपको दिक्कत आ सकती है। कई ज्वेलर्स अब ऐसे सोने को खरीदने से बचते हैं क्योंकि उनपर टैक्स और इनकम टैक्स विभाग की जांच हो सकती है।
उदाहरण:
राजस्थान के श्री जगदीश जी ने बताया कि उनकी माँ के पास शादी का करीब 600 ग्राम सोना था जो 1975 में खरीदा गया था। लेकिन जब उन्होंने उसे बेचने की कोशिश की, तो ज्वेलर ने बिल मांगा और मना कर दिया। उन्हें मजबूरन चार ज्वेलर्स के पास जाना पड़ा और अंत में बहुत कम दाम में वह सोना बेचना पड़ा।
निवेश से पहले ये सावधानियाँ ज़रूर रखें
आज के दौर में सोना खरीदते समय आपको सिर्फ भाव नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि आपके पास भविष्य में बेचने के लिए जरूरी दस्तावेज़ मौजूद हों।
- हमेशा GST बिल लें
- पैन कार्ड का प्रयोग करें ₹2 लाख से ऊपर की खरीदारी में
- डिजिटल भुगतान करें ताकि ट्रैक रिकॉर्ड बना रहे
ज्वेलर्स के लिए भी नए नियम
सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि अब ज्वेलर्स के लिए भी नए गाइडलाइंस लागू हो गए हैं:
- हर बिक्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य
- ₹2 लाख से अधिक के ट्रांजैक्शन में KYC जरूरी
- नकद लेन-देन पर सीमा तय
मेरा अनुभव – दस्तावेज़ ना होने की कीमत चुकानी पड़ी
मैंने खुद 2022 में घर की जरूरत के चलते अपनी दादी के पुराने गहने बेचने की कोशिश की थी। चूंकि वो गहने 1980 के आसपास खरीदे गए थे, उनके पास कोई बिल या दस्तावेज़ नहीं था। कई दुकानों पर हमें मना कर दिया गया। अंत में, एक लोकल ज्वेलर ने कम कीमत पर लेने की सहमति दी लेकिन मन में आज भी अफसोस है कि सही दस्तावेज़ होते तो बेहतर रेट मिल सकता था।
सोना अब सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि एक गंभीर निवेश और जिम्मेदारी बन चुका है। सरकार के नए नियमों का पालन करना हर नागरिक के लिए जरूरी है, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अगर आप घर में सोना रखते हैं तो जल्द से जल्द उसकी खरीद से जुड़े दस्तावेज़ संभाल कर रखें। और अगर आप आगे सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो बिल लेना और KYC कराना न भूलें।
याद रखें, दस्तावेज़ वाला सोना ही असली सुरक्षा है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी निवेश या बिक्री से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।