हाईवे के पास घर बनाना है? पहले जान लो ये रूल, नहीं तो हो सकती है बड़ी परेशानी

Highway House Rules (हाईवे हाउस नियम) : अगर आप सोच रहे हैं कि शहर की भीड़भाड़ से दूर, किसी हाईवे के पास घर बनाकर सुकून की ज़िंदगी जीएंगे, तो ये आइडिया जितना अच्छा लगता है, उतना ही सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत होती है। कई लोग बिना जानकारी के हाईवे के किनारे घर बना लेते हैं और बाद में सरकारी नोटिस, जुर्माना या तोड़फोड़ जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर आप भी ऐसे किसी प्लान में हैं, तो पहले इन नियमों और शर्तों को जान लेना बहुत ज़रूरी है।

Highway House Rules  के पास घर बनाने के नियम क्या हैं?

सरकार और NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने कुछ खास नियम और गाइडलाइंस बनाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है:

  • सेटबैक दूरी का पालन करना जरूरी होता है, यानी हाईवे से कितनी दूरी पर आप घर बना सकते हैं, इसका एक तय मापदंड होता है।
  • नेशनल हाईवे के किनारे 25 से 75 मीटर तक की दूरी में किसी भी प्रकार का स्थायी निर्माण बैन हो सकता है (यह ज़ोन और राज्य पर निर्भर करता है)।
  • बिना अनुमति निर्माण करने पर भवन गिराया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • प्लॉट का नक्शा पास कराना जरूरी होता है, और उसमें हाईवे की दूरी दर्शाना आवश्यक है।
  • अगर आप कमर्शियल यूज के लिए निर्माण करना चाहते हैं, तो ज़्यादा कड़े नियम लागू होते हैं।

हाईवे के पास घर बनाना क्यों रिस्की हो सकता है?

1. कानूनी झंझट

  • अगर निर्माण गैरकानूनी पाया गया तो नोटिस मिल सकता है।
  • ज़मीन का अधिग्रहण किसी भी समय हो सकता है।

2. दुर्घटना का खतरा

  • तेज़ गति से चलने वाले वाहनों के कारण बच्चों और बुजुर्गों को खतरा हो सकता है।
  • सड़क से सीधे एंट्री लेने पर ट्रैफिक में दिक्कत होती है।

3. प्रदूषण और शोर

  • हाईवे के पास धूल, धुआं और शोर का स्तर अधिक होता है।
  • नींद और मानसिक शांति पर असर पड़ सकता है।

हाईवे के पास मकान बनाने की अनुमति कैसे लें?

अगर आप सच में हाईवे के पास घर बनाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. पंचायत या नगर निगम से ज़मीन की ज़ोनिंग की जानकारी लें।
  2. जिला टाउन प्लानिंग ऑफिस से नक्शा पास करवाएं।
  3. NHAI से आवश्यक NOC (No Objection Certificate) लें।
  4. स्थानीय रजिस्ट्रार से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए दूरी की पुष्टि कराएं।

सेटबैक दूरी की जानकारी (सैंपल टेबल)

हाईवे प्रकार निर्माण की न्यूनतम दूरी कमर्शियल निर्माण की दूरी नोट्स
नेशनल हाईवे 25 मीटर 30-40 मीटर क्षेत्र के हिसाब से बदलाव संभव
स्टेट हाईवे 15-20 मीटर 25-30 मीटर नियम राज्यवार बदल सकते हैं
ग्रामीण सड़क 5-10 मीटर 10-15 मीटर नियम सरल होते हैं
एक्सप्रेसवे 75 मीटर तक 100 मीटर तक बहुत सख्त नियम लागू होते हैं

रियल लाइफ उदाहरण

मामला 1:

रामप्रसाद जी ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के पास एक प्लॉट खरीदा और बिना अनुमति के मकान बना लिया। कुछ साल बाद NHAI ने सड़क चौड़ीकरण के लिए नोटिस भेजा और उनका आधा मकान गिरा दिया गया।

मामला 2:

सीमा देवी, पटना-बिहटा हाइवे पर मकान बनाना चाहती थीं। उन्होंने पहले ही टाउन प्लानर की मदद से सभी मंजूरियां लीं। आज उनका घर सुरक्षित है और कोई कानूनी परेशानी नहीं है।

क्या फायदे हो सकते हैं अगर सब नियम फॉलो करें?

  • हाईवे से कनेक्टिविटी अच्छी होती है।
  • भविष्य में प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने की संभावना रहती है।
  • अगर कमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाए तो अच्छा रिटर्न भी मिलता है।

मेरी व्यक्तिगत सलाह

मैंने खुद जब हाईवे के पास प्लॉट लेने की सोची थी, तो शुरुआत में लगा सब आसान है। लेकिन जब मैंने डिटेल में जाकर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि बिना अनुमति कुछ भी बनाना खतरे से खाली नहीं है। टाउन प्लानर से राय लेना और NHAI के नियमों को समझना बहुत ज़रूरी है। इससे न सिर्फ आप कानूनी दिक्कतों से बचते हैं, बल्कि लंबे समय तक शांति से रह सकते हैं।

हाईवे के पास घर बनाना एक अच्छा आइडिया हो सकता है, लेकिन इसके लिए नियमों की जानकारी और अनुमति लेना बेहद ज़रूरी है। बिना जानकारी के कदम उठाने से भविष्य में बड़ी परेशानी हो सकती है – घर गिरने से लेकर मोटे जुर्माने तक। इसलिए सोच-समझकर प्लान बनाएं, और सरकारी नियमों का पूरी तरह पालन करें।

आपका एक सही फैसला आपको जिंदगीभर की शांति और सुरक्षा दे सकता है।

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